1-दिव्यांग एवं कुष्ठावस्था पेंशन योजना

प्रदेश में 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता वाले दृष्टिबाधित मोदवादार मानसिक तथा शारीरिक रूप से दिव्यांगजन जिनके जीवन यापन के लिए स्वयं का ना तो कोई साधन है और ना ही वह किसी प्रकार का परिश्रम कर सकते हैं तथा जिनकी आए गरीबी रेखा वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में रुपए 46080 तथा शहरी क्षेत्र में रुपए 56460 प्रति परिवार प्रति वर्ष की सीमा के अंदर हो के भरण पोषण हेतु दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्यांग भरण पोषण अनुदान योजना अंतर्गत रुपए 1,000 प्रतिमा प्रति लाभार्थी की दर से अनुदान दिया जाता है प्रदेश में 40% या उससे अधिक जनता वाले दृष्टिबाधित मानसिक तथा शारीरिक रूप से ज्ञान के प्रकार कर सकते हैं तथा वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की सीमा के अंदर हो हेतु करण विभाग द्वारा अनुदान योजना अंतर्गत किया जाता है

दिव्यांग एवं कुष्ठावस्था पेंशन योजना

आवेदन की प्रक्रिया निम्नलिखित प्रपत्र होना आवश्यक है

1.न्यूनतम 40% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र
2.गरीबी रेखा के नीचे का आय प्रमाण पत्र
3.आयु 18 वर्ष से अधिक
4.ग्रामीण क्षेत्र की दशा में ग्राम सभा का प्रस्ताव/ शहरी क्षेत्र में या प्रक्रिया उप जिलाधिकारी के माध्यम से संपन्न होती है
5.बैंक पासबुक की छायाप्रति
6.लाभ पाने के लिए पात्र दिव्यांगजन को सर्वप्रथम https:sspy-up.gov.in पर अपना आवेदन करना होता है जिसके पश्चात जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के सत्यापन के उपरांत पात्र दिव्यांगजन को इस योजना से लाभान्वित किया जाता है

2-कुष्ठावस्था पेंशन योजना

कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए सभी दिव्यांगजन जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा जिनकी आय गरीबी रेखा वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में रुपए 46080 तथा शहरी क्षेत्र में 56460 प्रति परिवार प्रति वर्ष की सीमा के अंदर हैं एवं शासन द्वारा संचालित अन्य कोई पेंशन योजना का लाभ ना प्राप्त कर रहे हो को प्रदेश से संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी दिव्यांग का प्रमाण पत्र (चाहे दिव्यांगता का प्रतिशत कुछ भी हो) के आधार पर रुपए 3000 प्रतिमा प्रति लाभार्थी की दर से अनुदान दिया जाता है

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